Saturday 11 April 2015

Why not I’m love myself? Who will stop me?

टॉपिक शायद कुछ अजीब लग रहा है, अक्सर मैने ये देखा है कि व्यक्ति अपने माता पिता या बहन या भाई या बच्चे या कोई भी अन्य रिलेटिव के बारे में ये कहगे की इनसे हम बहुत प्यार करते है इनको खुश करने के लिए मै सबकुछ करुगा and ect ... पर अगर उनसे ये पूछे की वो खुदसे कितना प्यार करते है ? ख़ुद को खुश करने के लिए आप क्या करते है ? तो उनके चहरे पर अक्सर एक क्वेश्चन मार्क बन जाता है l पर इसका मतलब घमंड करना बिल्कुल भी नही है
ख़ुद से प्यार करना बहुत अलग सा अहसास है . क्या आपने ख़ुद को कभी एक rose गिफ्ट किया है या वेल्न्टाइम पर ख़ुद को कोई कार्ड दिया है या आपने अपने ही जन्मदिन पर ख़ुद को बर्थडे वीश किया है ? बहुत ही अलग सा अहसास है ये –मेरा यकीन करिये- चलिए एक बार try तो करिये – अपने आप को सेहलाइए और कहिये I LOVE MYSELF या I LOVE और अपना नाम बोलिए – I MUST SAY थोड़ी ही देर में आपको अपने अंदर एक पॉजिटिव सी फीलिंग महसूस करेगे .पर पता नही ऐसा क्यों होता है कि लोग पूरी दुनिया से i love you कहेगे पर खुद से ये तीन जादुई शब्द कहने में झिझकते है l
लेकिन कई बार लोग ये कहते है कि ख़ुद से जो प्यार करते है वो स्वार्थी होते बस अपने से मतलब रखते है दुनिया से इन्हें कोई वास्ता नही .ये न ही अच्छी संतान होते है और न ही किसी भी रिश्ते के प्रति जिम्मेदार होते है – पर एक बात ये सोचिये यदि आप ख़ुद से ही प्यार नही करते तो दुसरो को क्या प्यार दे पायेगे , नहीं बिलकुल भी नही ,आप सिर्फ समझौता करेगे ,अपने मन को मारेगे और तब तक मारते रहेगे जब तक आपका मन पूरी तरह से मर नही जाता है लेकिन इसके साथ आप frested भी होते रहेगे और एक दिन ऐसा आयेगा कि ये सारा frestion ब्लास्ट हो जायेगा और इसमें आपके सबसे करीबी को ही सबसे ज्यादा चोट पहुचेगी जैसे आपके बच्चे, माता पिता या पत्नि/पति जो भी आपसे सबसे ज्यादा प्यार करता होगा आप उसी पर ही अपना गुस्सा, frestion निकलना शुरू कर देगे पर इन सब में सबसे ज्यादा नुकसान किसे पहुँचेगा – क्या इसका अंदाजा है आपको ,नही तो जवाब ध्यान से पढिये-“वो स्वयं आप है”
मै जो कुछ भी लिख रही हूँ वो किसी किताब या article को पढ़ कर नही बल्क़ि ज़िदगी को पढ़ कर बता रही हूँ ख़ुद को मारना अपनी भावनाओं की कद्र न करना अपने सपनों को मारकर दुसरो के सपनों को पूरा करना और ताउम्र उसमे अपने आपको मनमार कर फिट करना कितना ज्यादा पैनिक होता है l आप चहकर के भी ऐसी स्थिती को बदल नही सकते l
अगर आप भी ऐसी स्थिती में एक आम हिन्दुस्तानी व्यक्ति की तरह फंसे है तो वो रास्ता अपना कर देखिये जो मै ने अपनी लाइफ में अपनाया है l
अगर आप अपनी सिचुएशन को नहीं बदल सकते ,आप को उन्ही स्थिती में रहना है तो खुद को बदल लीजिये चीजे अपने आप बदल जाएगी ,कैसे ? ख़ुद से प्यार करके” . ख़ुद से प्यार करना स्वार्थी होना बिल्कुल भी नही है और न ही इसका मतलब ये है कि आप दुसरो की भावनाओ की कद्र न करे बल्कि इसका मतलब ये है की आप अपनी भावनाओं को ,स्वयं को उतना ही महत्व दे जितना की आप दुसरो की भावनाओं को देते है l  अगर आपको कभी भी ये लगता है कि आप एक बोझ है अपनी फॅमिली पर, समाज पर,खुद पर – तो कोई बात नही अपने आप को एक पेपरवैट समझिये जो की जरूरी कागजो को होल्ड या सम्भालता है और आप अपनी हर स्थिती/ सिचुएशन को सम्भालना या होल्ड करना सीख जायेगे . अगर किसी पार्टी में unwonted महसूस करते है और वहा पर रहना आपकी मजबूरी है तो ख़ुद को invitation दीजिये ख़ुद से कहिये चलिए mr./mrs./miss डी.जे पर डांस करते है ,पनीर की सब्जी आज कुछ ज्यादा ही खाए(बशर्ते पनीर की सब्जी खराब न बनी हो ),करीना कपूर की ड्रेस try या जॉन का लुक या फिर कोई भी न्यू लुक try करना चहते है पर लोग क्या कहेगे इससे डरते है तो अपने रूम में शीशे के सामने try करे और ख़ुद के साथ बोलरूम डांस करे ख़ुद के नये लुक की तारीफ करे.
ये सारे तरीके ख़ुद से प्यार करने की बस शुरुआतभर है और फिर धीरे-२ आप ख़ुद से बेझिझक ,बेबाक प्यार करना सीख जायेगे. अपनी तारीफ ख़ुद ही कर लीजिये, ख़ुद को एक सुंदर कार्ड दीजिये, एक प्यारा सा  rose या फिर एक प्यारी सी दुआ दीजिये, दुसरो से अपेक्षा रखने से बेहतर है कि हम खुद से ही अपेक्षाये रखे और उन्हें पूरा भी करे
स्थिती चाहे जैसी भी हो पर ख़ुद से प्यार  करना कभी न भूले l हमेशा ये याद रखिये कि जब गुलाब में खुशबु होगी तभी वो अपनी महक फैलाएगा
तो फिर इस वेल्न्टाइम पर ख़ुद को propose करिये और यकीन मानिये जवाब YES में ही आयेगा l    और वेल्न्टाइम पर ही क्यों हम खुद को रोज  propose करिये  तब तक जब तक दिल हा  न कहदे          

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Sunday 5 April 2015

Whats the girls think

“अरे यार कितनी मोटी लड़की है” या फिर “अरे यार कितनी काली लड़की है” या “अरे यार कितनी पतली लड़की है”etc.लडकी अगर मोटी, पतली, काली ,या नाटी, हो तो उसे हमेशा सोसाइटी के रोल मॉडल में अनफिट समझा जाता है फिर भले ही सूरज ,चाँद ,सितारे उन्हें अपनी रोशनी देना बद न करे , ये वायुमंडल उसे पूरी ओक्सीजन लेने दे पर मजाल है कि एक भी दिन ऐसा जाये जब उसे एक भी नई तरह की सलाह न मिले l फिर भले इससे उस लडकी के मन को बहुत तकलीफ पहुचें     हमारे भारतीय समाज में बिना मागे लोगो में सलाह देने की बहुत आदत है फिर भले ही ये सलाहे जख्म कुर्द्ने का काम करे, न की मलहम का काम करे l और उसके उपर से बची-कुची कसर हमारे एङ वर्ल्ड पूरी कर देते है “ 15 दिन में गोरा बनाये,नाटे को लम्बा करे, बस 3 महीने में मनचाही फिगर एक्ट्रा- एक्ट्रा” उसके उपर से धनवर्षा या हीरो जैसा बॉयफ्रेंड व् सपनों सा घर जैसे विवेक हरने वाले एङ के बैकग्राउंड, रही कही कसर पूरी कर देते है l अब इन सब के फेर में हर लडकी बस एक बार्बी डोल बनने लग गयी है और अपनी असली पहचान को खोती जा रही है l जो लडकीयाँ इस पिक्चर परफेक्ट सेटअप में फिट नही बैठती उन्हें सोसाइटी से टोटली साइलेंट बहिस्कार मिलता है और ऐसी लडकियों की सबसे ज्यादा बेज्जती तो तब होती है जब शादी के लिए लडके वाले उसे चला के ,उठा के ,क्वेश्चन – आंसर राउंड करके चेक करते है   l फिर लडकी में कमिया निकल- निकल करके रिश्ते की कीमत बड़ाई जाती है जैसे की एक मोस्ट ऑफ़ दी कॉमन कमी “ बाईसाहेब आप की लडकी एक तो सावली और ऊपर से उसे अंग्रेज़ी भी नही आती है” अब ये बताइए जनाब क्या अंग्रेज़ी बोलने वाली लडकी रोटी गोल न बनाकर सिर्फ अंग्रेज़ी में राउंड ही तो बनाएगी उसमे अंतर क्या आजायेगा- पर कमी तो कमी है                                                                   पर इन सभी चीजो से एक लडकी के मन पर क्या कुछ बितती है ये कोई नही समझता उसे अपने इस दुनिया में होने तक पर अफसोस होने लगता है अपने स्वरूप से नफरत सी होने लगती है और उसके ऊपर से माता-पिता व् रिश्तेदार भी ताने दे दे कर उसे चेन की श्वास नही लेने देते फिर उसे नॉन डिसर्विंग लडके से जबरन शादी करनी पड़ती है और ताउम्र उस रिश्ते को निभाना पडता है lक्या ये सब सही हो रहा है? एक लडकी जो सोसाइटी की नोर्म्स के मुताबिक नही है उसे ताउम्र उस रिश्ते को निभाना पडता है जो उसके लायक ही नही l                             क्या जरूरी है की लडकी मोटी है तो वो ज्यादा ही खाती होगी, नाटी है तो आलसी है हो सकता है, सावली है तो बदसूरत है भई ईश्वर ने भी तो श्यामवर्ण को अपनाया है फिर दुनिया इसमें क्यों कमी निकालती है एक अवएर्ज से दिखने वाली लडकी को क्यों नही स्वीकार्य किया जाता l आखिर एक अवएर्ज से दिखने वाली लडकी को भी उसी ईश्वर ने बनाया है जिसने ये दुनिया बनाई है जब वो हर चीज परफेक्ट ही करता है उसकी बनाई अवएर्ज लडकी भी तो परफेक्ट हुई इसलिए अब अगर किसी भी लडकी में कोई कमी निकलने की बात आये तो एक बार ये जरुर सोचिएगा कि आप उसी खुदा की बनाई हुये परफेक्ट पिस में कमी निकल रही है जिसने आप को भी बनाया है l

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