Saturday 28 February 2015

हेलो फ्रेंड्स
मेरा ब्लॉग meaurmyself आम बोलचाल की भाषा में है ,जिसमे हिंदी व् इंग्लिश दोनों ही भाषा का प्रयोग किया गया है, पर मै ने अपना ब्लॉग ख़ासतौर पर हिंदी भाषा को ही ध्यान में रख कर लिखा है मेरा ब्लॉग मोटिवेशन, insperational, philosphical , short stories, translated article, अन्य लेखको के द्धारा permited articls  व् डेली लाइफ में मेरे होने वाले अनुभावों पर बेस है वैसे मेरे ब्लॉग पर जरूरी जानकारीया व् अन्य कई टॉपिक भी समय समय पर शामिल होगें
ब्लोगिंग करने का कारण :-
  •     मुझे हमेशा से ही लेख, कविताएँ , कहानिया, व् अपने एक्स्पिरिंस लिखने का शौक रहा है जिनको में हमेशा से ही लोगो के साथ शेयर किया है
  •   मुझे हमेशा से मोटिवेशनल, inspirational, philosophical सम्बन्धित लेख पढ़ना पसंद है क्योकि इनसे प्रेरणा,सकरात्मकता व् चीजो को अलग तरह से देखने का नजरिया पैदा होता है l जिनके लिए मै अक्सर net, books, news paper, मेइग्जिन का use करती हॅू  पर एक हिन्दीभाषी व् हिंदी माध्यम से शिक्षा होने के कारण  मेरा दयरा सिमित ही रहा जिसके कारण मुझे जरूरी जानकारीया, मोटिवेशनल, inspirational, philosophical सम्बन्धित लेख संख्या में व् गुणवक्ता में काफी कम ही मिले और जो मिले भी उनकी भाषा eye केचिंग नहीं थी जो की बोरिंग लगते थे , पर इंग्लिश में काफी अधिक व् अच्छी गुणवक्ता के लेख मिले जो कि eye केचिंग भी थे और interesting भी होते है
  •  मै अपने अनुभवो को लोगो के साथ शेयर करके उन तक वहीं प्रेरणा,सकरात्मक ऊर्जा पहुँचना चहती हुँ जिसने मुश्किल वक्त में मुझे सही व् गलत में भेद करना सिखाया तथा कुछ अलग करने के लिए प्रेरित किया
इन्हीं वजहो से मैने ब्लोग लिखना शुरू किया तथा ब्लॉग में हिंगलिश प्रयोग करने का कारण भी यही है की मै अपनी बात को सरलता से समझा पायु
अतः  मेरा पाठकों से निवेदन है कि मेरे लेखो की व्याकरण की गलतीयों को माफ करदे और मेरे लेख या article पसंद आने पर comment करे व् मेरा ब्लॉग subscribe करे
मेरे लेखो को पढने,कमेंट्स करने व् subscribe करने के लिए शुक्रिया,धन्यवाद ,थैंक्यू
                                                             meaurmyself 
                                 

Thursday 26 February 2015

गाइड /गरु

आप सभी इस शब्द से परिचित होगे I गाइड /गरु वो व्यक्ति जो लाइफ की प्रोब्लम्स में हमे सही रास्ता दिखाए I पर समझने वाली बात ये है, कि हमे लाइफ में कभी कोई गाइड /गरु मिला है, जिसने exactly  ये बताया हो की ये करने से ये फायदा होगा ये तुम्हारे लिए एकदम सही है शायद एकआ ध को मिल गये हो पर ज्यादातर का जवाब न में होगा I
हा ये बात जरुर है कि सलाह देने वाले जरुर मिले होगे जिनकी कमी दुनिया के किसे भी कोने में नही है Iकभी सही तो कभी गलत ,हर तरह की सलाह, कुछ से फायदा होता है, तो कुछ से नुकसान , और फिर हम अपने फायदा देखते हुए उस सलाह देने वाले व्यक्ति को अपना शुभचिंतक, तो कभी अपना गाइड /गरु मान लेते है I पर क्या ये सही है क्योकि हर व्यक्ति की अपनी मानसिकता होती है उसके अपने पर्सनल एक्स्पेरिंस होते है, जैसे नेगेटिव , पॉजिटिव, इमोशनल और prejudice etc. जिससे उनकी सोच व् उनकी दृारा दी गयी सलाहे प्रभावित होती है I जिनसे हमे फायदा व् नुकसान दोनों ही होते है I अब हम ये समझ सकते है की व्यक्ति की सोच ही या उसकी स्थितीको देखकर उसके प्रति उसका क्या नजरिया है, उससे उसके जजमेंट की क्षमता व् सही सलाह देने की क्षमता क्या हो सकती हैl
इससे ये समझ में आता है की व्यक्ती का “नजरिया” ही एक तरह से उसका गाइड या गुरु हुआ जो हमे अपने मन के मुताबिक चीजे चुनने देता है और इसी “नजरिये” के कारण या तो हम गाइडेड या मिस-गाइडेड होते है तब असली मायने में हमारा “नजरिया” ही हमारा गाइड या गुरु हुआ कोई और नहीं l अब प्रश्न ये उठता है की ये गाइड या गुरु जो सबके पास है वो मिस-गाइडेड कब हो जाता है और जवाब है जब हम खुद पर शक करने लगते है, नेगेटिव सोचने लगते है खुद पर ही क्वेश्चन मार्क लगाने लगते है तब हम मिस-गाइडेड हो जाते है l
कैसे ? अगर आप खुद पर ध्यान दे तो जब आप में किसी तरह के फैलियर का डर हो तब अक्सर आप खुद को बचाने के लिए इमोशनल, नॉन-प्रेठिक्ल, नेगेटिव सलाहों पर ज्यादा ध्यान देगे और स्वयं को उन सलाहों के सही होने का वाजिब कारण भी देगे और वहीं दूसरी तरफ अगर आप को खुद पर 100% भरोसा है तो आप पॉजिटिव व् प्रेटीक्ल सलाहों पर ध्यान देगे ,उन्हें चुनेगे l तब आप पुरे जोश में निणर्य लेगे साथ ही आप में किसी तरह का कॅनफ़ूजन भी नही होगा l
अब ये प्रश्न दिमाग में आता है की ये सेल्फ-डॉउट से और ऐसे लोगो से कैसे बचे जो आप के सेल्फ-डॉउट को बढ़ाते हैl तो इसके जवाब में आपको वही पुराने चीजे या रास्ते दिखा सकती हूँ, जो चिर काल से और आज भी सही है:-
१)      सोर्स,कोर्स, एंड फ़ोर्स:-
                                I.            सोर्स:- याने की अपने आगे बढ़ने के सारे जायज सोर्स का पूरा use करे इससे आपके प्रोग्रेस के चान्स बढ़गे l
                              II.            कोर्स:- याने अपने सब्जेक्ट पर पूरी तरह से पकड़ बनाये जिससे आपके सोर्स पूरी तरह से काम करे l
                            III.            फ़ोर्स:- ऐसे सेल्फ मोटीवेट लोगो का साथ पाने की कोशिश करे जिनका प्रोग्रसिव बेहिवेयर आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करे l ये प्ररेणा आपके लिए पॉजिटिव फ़ोर्स का काम करेगी l
२)      शार्प योर स्किल :- ग्लोबेलाजेशन के इस दौर में लगातार बदलाव आ रहे है इसलिए हमेशा अपने स्किल को अपडेट रखे l
३)      सर्वज्ञाता मत बने पर अपके चारो तरफ क्या कल रहा है इसका ज्ञान जरुर रखे :- आल राउंडर बनना टफ है पर आपके चारो तरफ क्या चल रहा है ये जानना आसान और जरूरी भी है l इससे आपकी पर्सनालिटी इम्प्रसिव बनेगी व् आपकी जागरूकता के स्तर का भी पता चलेगा l
४)      थिंक पॉजिटिव :- बुरा सोचने के लाख कारण मिल जायेगे पर अच्छा या पॉजिटिव बने रहने का सिर्फ एक कारण है successful and peaceful life . इसलिए पॉजिटिव बने व् बोले इससे नेगेटिव परसन धीरे –धीरे खुद ब खुद आपसे दूर हो जायेगे और आपकी अच्छी बचत होगी क्योकि पॉजिटिव बोलने व् सोचने वाले कम बीमार पड़ते ,व् बिना कॅोसमेटिक के जवॅा और सुदंर दिखते है l

इसीलिए कहा जाता है की बिना सोचे समझे किसी भी व्यक्ती की सलाह को नही अपना लेना चहिये बल्कि खुद पर किये सारे शकोशुबह को खत्म करे और अपना गुरु या गाइड खुद बने न की किसी नेगेटिव सलाह से अपना जीवन बिगाड़े अंत में ये हमेशा याद रखिये की आदमी जैसा सोचता है वैसा ही बनता है l    

NOTE:- यदि आप अपनी कोई पोस्ट meaurmyself .blogspot पर देखना चाहते है या कोई सुझाव देना चाहते है तो अपनी तस्वीर के साथ मेल करे
My mail id is meaurmyself@gmail.com

मेरा पाठकों से निवेदन है कि मेरे लेखो की व्याकरण की गलतीयों को माफ करदे और मेरे लेख post etc. पसंद आने पर comments करे व् मेरा ब्लॉग subscribe करे
धन्यवाद 

                                                                            meaurmyself 

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *