Monday 27 July 2015


डाॅ. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम एक युग एक मसीहा 


Tuesday 14 July 2015

azadi

आजादी क्या है ? वो जो हम महसूस करते है या फिर वो भावना जिसे हम साकार रूप में देखना चाहतें हैं l
       आजादी बहुत कीमती होती हैं और इसकी सही कीमत पिजड़े में बंद पछी या जेल में बंद कैदी ही समझ सकता है या फिर वो व्यक्ति जिसे आजाद दिखने की पूरी आजादी हो पर आजाद होने कि आजादी बिल्कुल भी नही है अब आप सोचेगे भला इसका क्या मतलब हुआ 
इसका अर्थ ये हुआ कि जब आपको दुसरे के इच्छा के अनुसार जीना पड़े, खाना-पीना उठना-बैठना हर चीज पर दुसरो का नियंत्रण हो तब आप अपने आपको क्या आजाद महसूस कर पायेगे ? नहीं न
    पर हमारे चारो तरफ ऐसे कई गुलाम है जो की ऐसी गुलामी से बंधे हो शायद हम भी ........
मेरी एक भाभी जी है जिनके पतिदेव को शुगर कि बीमारी है पर मजाल है कि वो परहेज कर ले लेकिन ये बात जरुर है कि भाभी बिना शुगर की बीमारी के सारे परहेज कर रही है क्योकि उनके उनके पतिदेव को ये पसंद नही कि जब वो मीठी खीर नही खा सकते तो उनकी पत्नीं कैसे खा सकती है फिर भले ही उनकी पत्नीं की ये फ़वेरेट डिश हो, तो क्या इन भाभी जी को आजाद समझा जाये जिन्हें पचास की उम्र में भी घुघट में बाहर जाना पड़ता है
आज के समय में भी चाहे लड़का ही य लडकी अपनी मातृ पितृ भक्ती दिखाने के लिए अपने सपनों को, प्यार को खत्म करना पड़ता है ताकि उनके परिवार के मान सम्मान को चोट न पहुचे तो क्या ये आजादी है कि बच्चा अपने ही माता पिता से अपने मन की बात को ,इच्छा को न बता सके और  अनचाहे रिश्तों, सपनों, अपेक्षाओं को पूरा करने में अपनी पूरी जिन्दगी झोक दे फिर चाहे वो हमेशा इमोशनलेस या लाश कि तरह अपना जीवन जीये l एक बोझ कि तरह जीवन को, रिश्तो को, खुद को ढोता रहे........................................इस तरह तो हम कभी आजाद नही हुए
पर अब एक नई शुरुआत हो रही है और ऐसी गुलामी झेलने वाले ही ये नई शुरुआत कर रहे है, यही गुलाम आजादी की कीमती जानते है और वो अपनी आने वाली पीढ़ी को ये आजादी दे रहे है इसमें काफी मेहनत और संघर्ष है क्योकि हमे अपनी नई पीढ़ी को सम्भालने के साथ-साथ पुरानी पीढ़ी को भी जवाब देना है, हमे ये हमेशा याद रखना चाहिए कि आज का संघर्ष ही हमे हमारे हिस्से का आसमान देगा 
NOTE:- यदि आप अपनी कोई पोस्ट meaurmyself .blogspot पर देखना चाहते है या कोई सुझाव देना चाहते है तो अपनी तस्वीर के साथ मेल करे
My mail id is meaurmyself@gmail.com

मेरा पाठकों से निवेदन है कि मेरे लेखो की व्याकरण की गलतीयों को माफ करदे और मेरे लेख post etc. पसंद आने पर comments करे व् मेरा ब्लॉग subscribe करे
धन्यवाद 
                                                                            meaurmyself              

Wednesday 1 July 2015

Emotional Suicide

अक्सर हम देखते है कि एक age के बाद कुछ लोगो के स्वभाव में अजीब से बदलाव आते है खासकर house wife’s के अंदर 35-40 कि उम्र में  ये बदलाव जरुर दिखयी देता है उनका स्वभाव गुस्सेवाला,चिढचिढ़ा और हर समय शिकायत करने वाला हो जाता है,उनमे मूढ़ स्विंग कि भी समस्या दिखने लगती है और कभी-२ वो  जल्दी-२ बिमार भी पड़ने लगती हैइसका कारण शारीरिक बदलाव से बड़ा है और वो है, लम्बे समय तक अपने emotions को दबा कर रखना. औरते अक्सर अपनी भावनाओं को दबा कर परिवार के प्रति समर्पित कर देती है पर जब उन्हें वो सम्मान नहीं मिलता जो वो चाहती है या जो परिणाम वो चाहती है नही मिलता है तब इस तरह से उनकी body और  mind react करते है जिसके कारण स्वभाव में अजीब से बदलाव आते है कई बार heavy body reactions भी होते हैं जिनके कारण उनमे गंभीर बिमारियाँ भी दिखयीं देती हैअक्सर हम सभी, हमारे बच्चे भी, अपने माता-पिता को या फिर अपने किसी करीबी को खुश करने के लिये खुद को तकलिफ देते है अपने सपनो, भवनाओं को मार देते है पर सच्चाई ये है कि इससे हसिल कुछ नहीं होता है बल्कि  ये एक तरह से emotional suicide हैअगर आप किसी अपने को वाकेई में प्यार करते है तो उसको अपनाने की शर्ते न रखे बल्कि उसे जीने दे न तो खुद emotional suicide करे, न ही किसी अपने को ऐसा करने दे . हमेशा ये याद रखे कि जैसे मर हुआ शरीर जिन्दा नहीं होता है वैसे ही मर हुआ मन न कभी खुश होता है और न ही कभी जिन्दा ही सकता है.
NOTE:- यदि आप अपनी कोई पोस्ट meaurmyself .blogspot पर देखना चाहते है या कोई सुझाव देना चाहते है तो अपनी तस्वीर के साथ मेल करे
My mail id is meaurmyself@gmail.com

मेरा पाठकों से निवेदन है कि मेरे लेखो की व्याकरण की गलतीयों को माफ करदे और मेरे लेख post etc. पसंद आने पर comments करे व् मेरा ब्लॉग subscribe करे
धन्यवाद 
                                                                            meaurmyself    

Saturday 11 April 2015

Why not I’m love myself? Who will stop me?

टॉपिक शायद कुछ अजीब लग रहा है, अक्सर मैने ये देखा है कि व्यक्ति अपने माता पिता या बहन या भाई या बच्चे या कोई भी अन्य रिलेटिव के बारे में ये कहगे की इनसे हम बहुत प्यार करते है इनको खुश करने के लिए मै सबकुछ करुगा and ect ... पर अगर उनसे ये पूछे की वो खुदसे कितना प्यार करते है ? ख़ुद को खुश करने के लिए आप क्या करते है ? तो उनके चहरे पर अक्सर एक क्वेश्चन मार्क बन जाता है l पर इसका मतलब घमंड करना बिल्कुल भी नही है
ख़ुद से प्यार करना बहुत अलग सा अहसास है . क्या आपने ख़ुद को कभी एक rose गिफ्ट किया है या वेल्न्टाइम पर ख़ुद को कोई कार्ड दिया है या आपने अपने ही जन्मदिन पर ख़ुद को बर्थडे वीश किया है ? बहुत ही अलग सा अहसास है ये –मेरा यकीन करिये- चलिए एक बार try तो करिये – अपने आप को सेहलाइए और कहिये I LOVE MYSELF या I LOVE और अपना नाम बोलिए – I MUST SAY थोड़ी ही देर में आपको अपने अंदर एक पॉजिटिव सी फीलिंग महसूस करेगे .पर पता नही ऐसा क्यों होता है कि लोग पूरी दुनिया से i love you कहेगे पर खुद से ये तीन जादुई शब्द कहने में झिझकते है l
लेकिन कई बार लोग ये कहते है कि ख़ुद से जो प्यार करते है वो स्वार्थी होते बस अपने से मतलब रखते है दुनिया से इन्हें कोई वास्ता नही .ये न ही अच्छी संतान होते है और न ही किसी भी रिश्ते के प्रति जिम्मेदार होते है – पर एक बात ये सोचिये यदि आप ख़ुद से ही प्यार नही करते तो दुसरो को क्या प्यार दे पायेगे , नहीं बिलकुल भी नही ,आप सिर्फ समझौता करेगे ,अपने मन को मारेगे और तब तक मारते रहेगे जब तक आपका मन पूरी तरह से मर नही जाता है लेकिन इसके साथ आप frested भी होते रहेगे और एक दिन ऐसा आयेगा कि ये सारा frestion ब्लास्ट हो जायेगा और इसमें आपके सबसे करीबी को ही सबसे ज्यादा चोट पहुचेगी जैसे आपके बच्चे, माता पिता या पत्नि/पति जो भी आपसे सबसे ज्यादा प्यार करता होगा आप उसी पर ही अपना गुस्सा, frestion निकलना शुरू कर देगे पर इन सब में सबसे ज्यादा नुकसान किसे पहुँचेगा – क्या इसका अंदाजा है आपको ,नही तो जवाब ध्यान से पढिये-“वो स्वयं आप है”
मै जो कुछ भी लिख रही हूँ वो किसी किताब या article को पढ़ कर नही बल्क़ि ज़िदगी को पढ़ कर बता रही हूँ ख़ुद को मारना अपनी भावनाओं की कद्र न करना अपने सपनों को मारकर दुसरो के सपनों को पूरा करना और ताउम्र उसमे अपने आपको मनमार कर फिट करना कितना ज्यादा पैनिक होता है l आप चहकर के भी ऐसी स्थिती को बदल नही सकते l
अगर आप भी ऐसी स्थिती में एक आम हिन्दुस्तानी व्यक्ति की तरह फंसे है तो वो रास्ता अपना कर देखिये जो मै ने अपनी लाइफ में अपनाया है l
अगर आप अपनी सिचुएशन को नहीं बदल सकते ,आप को उन्ही स्थिती में रहना है तो खुद को बदल लीजिये चीजे अपने आप बदल जाएगी ,कैसे ? ख़ुद से प्यार करके” . ख़ुद से प्यार करना स्वार्थी होना बिल्कुल भी नही है और न ही इसका मतलब ये है कि आप दुसरो की भावनाओ की कद्र न करे बल्कि इसका मतलब ये है की आप अपनी भावनाओं को ,स्वयं को उतना ही महत्व दे जितना की आप दुसरो की भावनाओं को देते है l  अगर आपको कभी भी ये लगता है कि आप एक बोझ है अपनी फॅमिली पर, समाज पर,खुद पर – तो कोई बात नही अपने आप को एक पेपरवैट समझिये जो की जरूरी कागजो को होल्ड या सम्भालता है और आप अपनी हर स्थिती/ सिचुएशन को सम्भालना या होल्ड करना सीख जायेगे . अगर किसी पार्टी में unwonted महसूस करते है और वहा पर रहना आपकी मजबूरी है तो ख़ुद को invitation दीजिये ख़ुद से कहिये चलिए mr./mrs./miss डी.जे पर डांस करते है ,पनीर की सब्जी आज कुछ ज्यादा ही खाए(बशर्ते पनीर की सब्जी खराब न बनी हो ),करीना कपूर की ड्रेस try या जॉन का लुक या फिर कोई भी न्यू लुक try करना चहते है पर लोग क्या कहेगे इससे डरते है तो अपने रूम में शीशे के सामने try करे और ख़ुद के साथ बोलरूम डांस करे ख़ुद के नये लुक की तारीफ करे.
ये सारे तरीके ख़ुद से प्यार करने की बस शुरुआतभर है और फिर धीरे-२ आप ख़ुद से बेझिझक ,बेबाक प्यार करना सीख जायेगे. अपनी तारीफ ख़ुद ही कर लीजिये, ख़ुद को एक सुंदर कार्ड दीजिये, एक प्यारा सा  rose या फिर एक प्यारी सी दुआ दीजिये, दुसरो से अपेक्षा रखने से बेहतर है कि हम खुद से ही अपेक्षाये रखे और उन्हें पूरा भी करे
स्थिती चाहे जैसी भी हो पर ख़ुद से प्यार  करना कभी न भूले l हमेशा ये याद रखिये कि जब गुलाब में खुशबु होगी तभी वो अपनी महक फैलाएगा
तो फिर इस वेल्न्टाइम पर ख़ुद को propose करिये और यकीन मानिये जवाब YES में ही आयेगा l    और वेल्न्टाइम पर ही क्यों हम खुद को रोज  propose करिये  तब तक जब तक दिल हा  न कहदे          

NOTE:- यदि आप अपनी कोई पोस्ट meaurmyself .blogspot पर देखना चाहते है या कोई सुझाव देना चाहते है तो अपनी तस्वीर के साथ मेल करे
My mail id is meaurmyself@gmail.com

मेरा पाठकों से निवेदन है कि मेरे लेखो की व्याकरण की गलतीयों को माफ करदे और मेरे लेख post etc. पसंद आने पर comments करे व् मेरा ब्लॉग subscribe करे
धन्यवाद 
                                                                            meaurmyself 

Sunday 5 April 2015

Whats the girls think

“अरे यार कितनी मोटी लड़की है” या फिर “अरे यार कितनी काली लड़की है” या “अरे यार कितनी पतली लड़की है”etc.लडकी अगर मोटी, पतली, काली ,या नाटी, हो तो उसे हमेशा सोसाइटी के रोल मॉडल में अनफिट समझा जाता है फिर भले ही सूरज ,चाँद ,सितारे उन्हें अपनी रोशनी देना बद न करे , ये वायुमंडल उसे पूरी ओक्सीजन लेने दे पर मजाल है कि एक भी दिन ऐसा जाये जब उसे एक भी नई तरह की सलाह न मिले l फिर भले इससे उस लडकी के मन को बहुत तकलीफ पहुचें     हमारे भारतीय समाज में बिना मागे लोगो में सलाह देने की बहुत आदत है फिर भले ही ये सलाहे जख्म कुर्द्ने का काम करे, न की मलहम का काम करे l और उसके उपर से बची-कुची कसर हमारे एङ वर्ल्ड पूरी कर देते है “ 15 दिन में गोरा बनाये,नाटे को लम्बा करे, बस 3 महीने में मनचाही फिगर एक्ट्रा- एक्ट्रा” उसके उपर से धनवर्षा या हीरो जैसा बॉयफ्रेंड व् सपनों सा घर जैसे विवेक हरने वाले एङ के बैकग्राउंड, रही कही कसर पूरी कर देते है l अब इन सब के फेर में हर लडकी बस एक बार्बी डोल बनने लग गयी है और अपनी असली पहचान को खोती जा रही है l जो लडकीयाँ इस पिक्चर परफेक्ट सेटअप में फिट नही बैठती उन्हें सोसाइटी से टोटली साइलेंट बहिस्कार मिलता है और ऐसी लडकियों की सबसे ज्यादा बेज्जती तो तब होती है जब शादी के लिए लडके वाले उसे चला के ,उठा के ,क्वेश्चन – आंसर राउंड करके चेक करते है   l फिर लडकी में कमिया निकल- निकल करके रिश्ते की कीमत बड़ाई जाती है जैसे की एक मोस्ट ऑफ़ दी कॉमन कमी “ बाईसाहेब आप की लडकी एक तो सावली और ऊपर से उसे अंग्रेज़ी भी नही आती है” अब ये बताइए जनाब क्या अंग्रेज़ी बोलने वाली लडकी रोटी गोल न बनाकर सिर्फ अंग्रेज़ी में राउंड ही तो बनाएगी उसमे अंतर क्या आजायेगा- पर कमी तो कमी है                                                                   पर इन सभी चीजो से एक लडकी के मन पर क्या कुछ बितती है ये कोई नही समझता उसे अपने इस दुनिया में होने तक पर अफसोस होने लगता है अपने स्वरूप से नफरत सी होने लगती है और उसके ऊपर से माता-पिता व् रिश्तेदार भी ताने दे दे कर उसे चेन की श्वास नही लेने देते फिर उसे नॉन डिसर्विंग लडके से जबरन शादी करनी पड़ती है और ताउम्र उस रिश्ते को निभाना पडता है lक्या ये सब सही हो रहा है? एक लडकी जो सोसाइटी की नोर्म्स के मुताबिक नही है उसे ताउम्र उस रिश्ते को निभाना पडता है जो उसके लायक ही नही l                             क्या जरूरी है की लडकी मोटी है तो वो ज्यादा ही खाती होगी, नाटी है तो आलसी है हो सकता है, सावली है तो बदसूरत है भई ईश्वर ने भी तो श्यामवर्ण को अपनाया है फिर दुनिया इसमें क्यों कमी निकालती है एक अवएर्ज से दिखने वाली लडकी को क्यों नही स्वीकार्य किया जाता l आखिर एक अवएर्ज से दिखने वाली लडकी को भी उसी ईश्वर ने बनाया है जिसने ये दुनिया बनाई है जब वो हर चीज परफेक्ट ही करता है उसकी बनाई अवएर्ज लडकी भी तो परफेक्ट हुई इसलिए अब अगर किसी भी लडकी में कोई कमी निकलने की बात आये तो एक बार ये जरुर सोचिएगा कि आप उसी खुदा की बनाई हुये परफेक्ट पिस में कमी निकल रही है जिसने आप को भी बनाया है l

NOTE:- यदि आप अपनी कोई पोस्ट meaurmyself .blogspot पर देखना चाहते है या कोई सुझाव देना चाहते है तो अपनी तस्वीर के साथ मेल करे
My mail id is meaurmyself@gmail.com

मेरा पाठकों से निवेदन है कि मेरे लेखो की व्याकरण की गलतीयों को माफ करदे और मेरे लेख post etc. पसंद आने पर comments करे व् मेरा ब्लॉग subscribe करे
धन्यवाद 
                                                                            meaurmyself 
     

Monday 2 March 2015

रक्षक

आखिर क्यों हम खुद को खुश नही रख सकते खुद के बारे में क्यों नही सोच सकते इसमें गलत क्या है ?
खुद की केयर करना खुद से प्यार करना स्वार्थी होना क्यों समझा जाता है ?जबकि ये सारी दुनिया अपने बनाये नोर्म्स पर ही हम सबको ज़ज करती या फिट मानती है तो क्या ये स्वार्थ नहीं है ?पता नहीं
मैं ने देखा है की जो व्यक्ति सही होता है, सच्चा होता है अक्सर वही बेचारा दुनियादरी की चक्की में पिस्ता है और दुखी रहता है , वही दूसरी तरफ जो व्यक्ति लगातार ज्यात्तिया  करता है , अपने ही बनाये नियम दुसरों पर थोपता है पुरे परिवार, समाज पर ,उसे ही पूजा जाता  है , साथ ही ऐसा व्यक्ति अपने निजिजीवन में सफल होता है वहीं दूसरी तरफ सही व्यक्ति दुनिया के बनाये मोर्चो पर असफल होता रहता है. ऐसे व्यक्ति अक्सर फ्रस्टेशन का शिकार हो जाता है
ऐसे फ्रेशटेड व्यक्ति अपना फ्रस्टेशन अपने बच्चो व् पत्नी या अपने अजीजों पर निकालते है या फिर एक अजीबो गरीब ,सकुचित, नकारात्मक सोच को अपना लेते है की यही हमारी व् हमारे बच्चो की किस्मत है. हमको व् हमारे बच्चो को हमेशा ही समझोता करना ही पड़ेगा, समाज की दया पर निर्भर रहना ही पड़ेगा, हम कुछ भी नहीं कर सकते और न ही कर पायेगे
ज्यादातर केसों में तो ऐसा होता है की व्यक्ति खुद ही अपने बच्चोंको आगे बढ़ने नही देता है, उनको भी उसी तरह डीमोटीवेट करते है जैसा की society  ने उनके साथ किया था. ऐसे व्यक्ति घर में ही नही बाहर भी अपने बच्चो की कमिया गिनाते रहते है, संक्षेप में कहे तो अपनी किस्मत अपने बच्चो पर थोप देते है. वहि सब करते या दोहराते है जो कभी खुद उनके साथ हुआ था ऐसे व्यक्ति अपने बच्चो को बचाने की कोशिश नही करते है बल्कि उन्हें नकारात्मकता के कुएं में धकेल देते है और ऐसा करने में उनकी कोई बुरी मंशा नहीं होती है बल्कि वो ऐसा इसलिए करते है क्योंकि वो अपने बच्चें को दुनिया की बुराईयों से बचाना चाहते है आपको थोड़ा कन्फ्युजन को रहा है न कि मै क्या कहना चाहती हूँ एक उदाहरण देकर समझाती हूँ मेरी एक चाचीजी है जो कि अक्सर अपनी लड़की पर बिना बात के गुस्सा करती रहती है अपशब्द भी कहती है जबकि लडकी पुरे घर का काम करती है पढाई में, व्यवहार में अच्छी है एक दिन चाची कुछ ज्यादा ही भड़की थी तब मैं ने उस लडकी का पक्ष लेकर चाची को रोका और कहा की जब ये गलती करे तो जरुर इसे डाटे पर कम से कम अपशब्द तो न कहे तब मेरी चाचीजी का कहना था की “ऐसा व्यवहार अपनी लडकी के साथ इसलिए करती हूँ की अपशब्द सुनने की इसे आदत पड़ जाये ताकि कल को जब ये अपनी ससुराल जाये और वहा उसके साथ बुरा व्यवहार हो तो उसे बुरा न लगे, और कोई तकलीफ न हो  ” अब बताइए की किसी के भविष्य का फैसला क्या इस तरह किया जा सकता है बुरे भविष्य की कल्पना करके वर्तमान को बुरा बनाना कहाँ की समझदारी है. बुरा व्यवाहर हमेशा बुरा ही लगता है. अपशब्द हमेशा ही तकलीफ देते है इनकी कभी भी आदत नहीं लग सकती बल्कि इस तरह से बच्चे या तो डरपोक,बद्तमीज,अव्वल दर्जे के स्वार्थी,मक्कार,झूटे, दुसरो से जलने वाले, दुसरो को तकलीफ देने वाले बनेगे जैसी तकलीफ में वो खुद होगे और दुसरो की खुशियां छीन कर अपने भाग्य में सजाने की कोशिश करते है. ऐसे बच्चे मनोविकार के शिकार हो जाते है तो क्या इस तरह ये बच्चे अंधे कुए में नही धकेले जा रहे है ऐसे बच्चे अपने माता पिता के प्रति भी बुरा व्यवहार भविष्य में कर सकते है या इनमे सेल्फ-हेट की प्रॉब्लम होती है वो खुद को चोट ओर तकलीफ देने लगते है खुद से घृणा करना बहुत ही भयानक िस्थती है
खुद से प्यार करना ,अच्छा व्यवहार करना गलत नही है क्योकि जब तक आप खुद को अपने असली स्वरूप में नही स्विकारगे ,इज्जत नही करगे तो ये दुनिया भी आप की इज्जत नही करेगी गलत व्यवहार को स्विकार करना ही सबसे बड़ी गलती है किसी के सम्मान के लिए अपने आत्मसम्मान को दाँव पर लगाना समझदारी नही है अपने अधिकारों की, सम्मान की रक्षा आपको स्वयं करनी पड़ेगी तो अपने रक्षक स्वयं बने और अपने उज्ज्वल भविष्य की रक्षा करे l 
NOTE:- यदि आप अपनी कोई पोस्ट meaurmyself .blogspot पर देखना चाहते है या कोई सुझाव देना चाहते है तो अपनी तस्वीर के साथ मेल करे
My mail id is meaurmyself@gmail.com

मेरा पाठकों से निवेदन है कि मेरे लेखो की व्याकरण की गलतीयों को माफ करदे और मेरे लेख post etc. पसंद आने पर comments करे व् मेरा ब्लॉग subscribe करे
धन्यवाद 
                                                                            meaurmyself  

Saturday 28 February 2015

हेलो फ्रेंड्स
मेरा ब्लॉग meaurmyself आम बोलचाल की भाषा में है ,जिसमे हिंदी व् इंग्लिश दोनों ही भाषा का प्रयोग किया गया है, पर मै ने अपना ब्लॉग ख़ासतौर पर हिंदी भाषा को ही ध्यान में रख कर लिखा है मेरा ब्लॉग मोटिवेशन, insperational, philosphical , short stories, translated article, अन्य लेखको के द्धारा permited articls  व् डेली लाइफ में मेरे होने वाले अनुभावों पर बेस है वैसे मेरे ब्लॉग पर जरूरी जानकारीया व् अन्य कई टॉपिक भी समय समय पर शामिल होगें
ब्लोगिंग करने का कारण :-
  •     मुझे हमेशा से ही लेख, कविताएँ , कहानिया, व् अपने एक्स्पिरिंस लिखने का शौक रहा है जिनको में हमेशा से ही लोगो के साथ शेयर किया है
  •   मुझे हमेशा से मोटिवेशनल, inspirational, philosophical सम्बन्धित लेख पढ़ना पसंद है क्योकि इनसे प्रेरणा,सकरात्मकता व् चीजो को अलग तरह से देखने का नजरिया पैदा होता है l जिनके लिए मै अक्सर net, books, news paper, मेइग्जिन का use करती हॅू  पर एक हिन्दीभाषी व् हिंदी माध्यम से शिक्षा होने के कारण  मेरा दयरा सिमित ही रहा जिसके कारण मुझे जरूरी जानकारीया, मोटिवेशनल, inspirational, philosophical सम्बन्धित लेख संख्या में व् गुणवक्ता में काफी कम ही मिले और जो मिले भी उनकी भाषा eye केचिंग नहीं थी जो की बोरिंग लगते थे , पर इंग्लिश में काफी अधिक व् अच्छी गुणवक्ता के लेख मिले जो कि eye केचिंग भी थे और interesting भी होते है
  •  मै अपने अनुभवो को लोगो के साथ शेयर करके उन तक वहीं प्रेरणा,सकरात्मक ऊर्जा पहुँचना चहती हुँ जिसने मुश्किल वक्त में मुझे सही व् गलत में भेद करना सिखाया तथा कुछ अलग करने के लिए प्रेरित किया
इन्हीं वजहो से मैने ब्लोग लिखना शुरू किया तथा ब्लॉग में हिंगलिश प्रयोग करने का कारण भी यही है की मै अपनी बात को सरलता से समझा पायु
अतः  मेरा पाठकों से निवेदन है कि मेरे लेखो की व्याकरण की गलतीयों को माफ करदे और मेरे लेख या article पसंद आने पर comment करे व् मेरा ब्लॉग subscribe करे
मेरे लेखो को पढने,कमेंट्स करने व् subscribe करने के लिए शुक्रिया,धन्यवाद ,थैंक्यू
                                                             meaurmyself 
                                 

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *